
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा 4 दिसंबर को तय है, और राजधानी दिल्ली किसी त्योहार की तरह नहीं… बल्कि सुपर-हाई-अलर्ट स्पेशल-ऑपरेशन-जैसे मोड में है।
यानी ट्रैफिक भले ही न रुके, पर आपके सिर के ऊपर ड्रोन ज़रूर घूमेंगे।
5-लेयर सुरक्षा—जैसे सिक्योरिटी का Avengers Assemble संस्करण
पुतिन की सिक्योरिटी उतनी ही टाइट होती है जितना उनका poker-face डिप्लोमेसी। भारत में उनके लिए ये पांच-लेयर जम चुकी है, रूसी प्रेसिडेंशियल सिक्योरिटी के elite कमांडो। भारत के NSG के ब्लैक-कैट्स। स्नाइपर्स। एयरबॉर्न ड्रोन। AI मॉनिटरिंग, जैमर, फेशियल रिकग्निशन। दिल्ली इस वक़्त literal surveillance capital बन चुकी है।
काफिला के रास्ते सैनिटाइज़—जैसे VIP नहीं, ‘VVIP++’ आ रहा हो
जहां-जहां से पुतिन का काफिला गुजरेगा, दिल्ली पुलिस और NSG हर गली में ऐसी चौकसी कर रही है जैसे पुतिन खुद पैदल मोनोकल के साथ निरीक्षण करने निकलेंगे।
रूस का स्पेशल 40+ सिक्योरिटी टीम पहले ही दिल्ली में
मगर असली मज़ा यहां है— रूस की प्रेसिडेंशियल सिक्योरिटी टीम पहले ही भारत आ चुकी है और हर जगह microscope-level चेकिंग कर रही है। होटल? सैनिटाइज। मार्ग? सैनिटाइज। अचानक वाली जगहें? वो भी सैनिटाइज। अगर कहीं पौधा भी बाईं तरफ से दाईं तरफ हिला दिख जाए… रिपोर्ट तैयार।
समिट, डिनर, राजघाट—सारा शेड्यूल सेट
पुतिन PM मोदी के साथ डिनर करेंगे, अगले दिन राष्ट्रपति भवन में formal welcome, फिर राजघाट, फिर हैदराबाद हाउस में समिट और इंडिया मंडपम में बड़ा इवेंट।
इतना packed शेड्यूल कि Google Calendar भी “Are you sure?” पूछ ले।

Aurus Senat—पुतिन की फेमस बुलेटप्रूफ लिमोज़ीन दिल्ली पहुंच चुकी
ये कार limousine नहीं, चलता-फिरता फोर्ट्रेस है। रूस से इसे खासतौर पर दिल्ली लाया जा रहा है। यह वही कार है जिसमें पुतिन ने SCO समिट में PM मोदी को भी लिफ्ट दी थी।
मोबाइल केमिकल लैब—पुतिन का खाना भी पासपोर्ट कंट्रोल से गुजरता है
पुतिन जो भी खाते हैं— उस पर पहले टेस्ट होता है। पानी? टेस्ट। सलाद? टेस्ट। नमक? शायद टेस्ट। यानी अगर दिल्ली का पानी पुतिन के पेट में पहुंच गया… तो समझो वैज्ञानिक क्रांति हो गई।
और हां… पुतिन का पर्सनल पोर्टेबल टॉयलेट भी साथ आता है
हाँ, ये सच है। यह उनके साथ हर देश में जाता है ताकि हेल्थ और मेडिकल डेटा सुरक्षित रहे। यानी बाकी नेता भाषण लिखवाते हैं, पुतिन अपना टॉयलेट ट्रांसपोर्ट करवाते हैं।
पुतिन का दौरा सिर्फ विज़िट नहीं… पूरा high-tech ऑपरेशन है
भारत-रूस रिश्ते मजबूत हैं, पर सिक्योरिटी उससे भी मजबूत। क्योंकि जब पुतिन आते हैं, तो सिर्फ काफिला नहीं चलता— सिक्योरिटी का पूरा multiverse activate हो जाता है।
